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रमेश का बचपन विकलांगता और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच दब गया था पर अपने जीवन में हावी नहीं होने दिया और डट कर सामना करने लगा और बन गया IAS। पढ़िए IAS रमेश घोलप की प्रेरणादायक कहानी।
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